झारंखंड के गुमला जिला के अनुसूचित जनजाति परिवार की 14 साल की लड़की को गुडगाँव स्थित कृष्णा कॉलोनी के एक बिजनेसमैन परिवार के घर की अलमारी में से पुलिस और शक्तिवाहिनी एनजीओ की मदद से सुरक्षइत बाहर निकाला गया।
एनजीओ शक्तिवाहिनी के सदस्य ने बताया कि पीड़िता एक 14 साल की लड़की है जो झारंखंड के गुमला जिले की है।यह लड़की काम की तलाश में अपने रिश्तेदार के साथ दिल्ली आई थी।
सदस्य ने आगे कहा कि हमें जब इस मामले के जानकारी मिली थी तब हने तुरंत घर पर पहुंचकर पीड़िता की तलाश की और पूरी छानबीन में पीड़िता नहीं मिली थी। कुछ देर बाद पुलिस भी वहां पहुंचा और कहा कि हमें भी लैंडलाई से फोन आया था। बाद में घर की अच्छे से छानबीन की तो हमें पीड़िता अलमारी के अंदर बेहोशी की हालत में मिली।
उन्होंने बताया कि पीड़िता को अलमारी से बाहर निकाला गया तो वह बेहोश थी और उसकी पीठ, बॉडी पर बेरहमी से मारे जाने के निशान भी थे। इसके अलवा लड़की की पैरों में भी काफी सुजन दिखाई दे रही थी। पीड़िता की इस हालत को देखकर तुरंत निजी अस्पताल में जांच के लिए ले गए।
अस्पताल में पीड़िता लड़की ने बयान देते हुए कहा कि पिछले 7 महीनों से मैं बिजनेसमैन परिवार के घर काम में काम कर रही हूँ। साथ में उनके दो नों जुड़वा बच्चों की देखभाल करती हूँ। मुझे खाने में सिर्फ दो रोटी ही दी जाती है और कुछ न कुछ बहाने से रोज वाइफर से पीठाई करते है। पुलिस मामले की पूरी जांच करने में जुटी है और बिजनेसमैन की गैरमौजूदगी में ही पुलिस इस उनकी पत्नी से पूछताछ कर रहे हैँ।