करीब पांच महीने बाद कर्नाटक की बेंगलुरू पुलिस ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का ट्विटर अकाउंट ऑपरेट करने वाले युवक मेहदी मसरूर बिस्वास के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।मेहदी को पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि आरोपी की जांच और हिरासत में रखने के बाद बेंगलुरू की एक अदालत में प्राथमिकी दर्ज की गयी। मेहदी पर लोगों में आईएस के प्रति डर पैदा करने के भी आरोप है।ब्रिटेन के एक निजी न्यूज चैनल ने पिछले साल मेहदी की पहचान जारी कर दी थी,जिसके बाद उसे 13 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था। कोलकाता में पैदा हुए 25 वर्षीय मेहदी पेशे से इंजीनियर है और वह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता था।पुलिस ने उसके पास से लैपटॉप, मोबाइल और अन्य गैजेट भी बरामद किए थे। मेहदी पर आरोप है कि उसने हजारों की संख्या में आईएस के अकाउंट से ट्वीट जारी किए थे।मेहदी मसरूर के खिलाफ सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने 37 हजार पेज की चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट के मुताबिक, वह भारत में बैठकर आईएसआईएस ज्वाइन करने में विदेशी लड़ाकों की मदद करता था। वह उनको बताता था कि तुर्की की सीमा पार करके सीरिया में आईएसआईएस के गढ़ तक कैसे पहुंचा जाए। मसरूर के ट्विटर हैंडल से उसके और 18 हजार फॉलोअर्स द्वारा किए गए 1 लाख 22 हजार ट्वीट्स और रीट्वीट्स के आधार पर उस पर देश के खिलाफ जंग छेड़ने और आतंक को बढ़ावा देने से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, विदेशी धरती पर आतंकवाद के मामले में मेहदी के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी केंद्र सरकार ने बीते हफ्ते ही दी है। दो महीने पहले उसकी जमानत याचिका रद्द हो चुकी है।जांच में पता चला है कि एक सीरियाई आईएसआईएस फाइटर ने विस्वास से तुर्की के रास्ते सीरिया में दखल होने का तरीका पूछा था। वह कुछ ब्रिटिश आईएस लड़ाकों के सीधे संपर्क में भी था। वह बंधकों के वीडियोज को सोशल मीडिया पर डालकर आईएसआईएस के प्रोपेगैंडा को बढ़ावा देता था।