ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनेल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के वरिष्ठ सदस्य अब्दुल रहीम कुरैशी की लिखी हुई एक किताब में दावा किया गया है कि राम का जन्म वर्तमान स्थित अयोध्या में नहीं हुआ है।
एआईएमपीएलबी, सुप्रीम कोर्ट में लंबित पड़े राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद में एक पक्ष है। अब यह बोर्ड देश भर में हिंदू नेताओं के साथ इस तथ्य को लेकर मीटिंग आयोजित कराने का योजना बना रही है।
अब्दुल रहीम कुरैशी की किताब 'फैक्ट्स ऑफ अयोध्या एपिसोड' में वे कहते हैं कि राम का जन्म हरियाणा, पंजाब या फिर पाकिस्तान यहां तक कि अफगानिस्तान में भी हो सकता है। वे उस हिंदू विश्वास को भी चुनौती देते हैं, जिसके अनुसार यह माना जाता है कि राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था।
अपनी किताब के बारे में बोर्ड के प्लान को बताते हुए उन्होंने कहा, 'राम मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की झूठी कहानी अंग्रेजों ने हिंदू और मुस्लिमों के बीच नफरत फैलाने के लिए गढ़ी थी। बोर्ड हिंदू नेताओं के साथ मिलकर इससे जुड़ी जानकारियां लोगों को बताएगा।
अपने किताब में कुरैशी ने यह भी लिखा है कि अकबर के शासनकाल में तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना अयोध्या में बैठकर की, जहां उनके बिल्कुल पास ही मस्जिद स्थित थी। लेकिन उन्होंने कहीं भी इसका जिक्र कहीं नहीं किया कि राम मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी।