सब को ज्ञान बांटने वाला धर्मगुरु आसाराम बापू खुदका ज्ञान खो बैटे शायद। क्योंकि अरबों रुपये को पाकर भी प्यार हासिल करने में गरीब ही रहे गये।नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में जोधपुर जेल में बंद आध्यात्मिक संत आसाराम बापू के बारे में आश्चर्यजनक खुलासे हो रहे हैं। आयकर इनवेस्टिगेशन विंग इंदौर और सूरत की जांच मे इसका खुलासा हुए हैं। जांच में 16 वर्ष पुरानी लेन-देन सामने आए हैं।
कुछ समाचार सामने आ रही हैं कि आसाराम के मुताबिक इंदौर के मार्केट में अलग-अलग नामों से लगभग 280 करोड़ रुपये लगाए हैं। आसाराम ने ये पैसा मोहन लुधियानी नाम के व्यक्ति की मदद से मार्केट में लगाया। इतना ही नहीं अब ट्रस्टी आश्रम का पैसा बाजार में लगाकर खूब पैसा कमा रहे हैं। आसाराम का पैसा ब्याज पर इंदौर के अतिरिक्त भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में लगाया गया। वहां भी आसाराम के ट्रस्टी अच्छी मुनाफा में हैं।
आसाराम बापू आश्रमों के माध्यम से धंधा चलाने वाले शिश्यगण अधिकतर ब्रह्मचारी हैं। क्योंकि आसाराम का मानना था कि ब्रह्मचारी के आगे-पीछे कोई नहीं रहेते। इसलिए पैसा सुरक्षित रहेगा। आसाराम के गिरफ्तार होने के बाद इन्ही ब्रह्मचारी शिश्यों को आसाराम की छवि को बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई थी।