बिजली के मामले में अग्रणी राज्य छत्तीसगढ़ में अब हवा से बिजली पैदा की जाएगी, इसके लिए शुरुआती सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है।राज्य के तीन जिलों के चार स्थानों में विंड एनर्जी के सर्वेक्षण के लिए एनीमोमीटर (हवा की गति मापने वाली मशीन) लगाया गया है। इसके जरिए पूरी वर्ष आकलन किया जाएगा कि हवा से कितनी बिजली पैदा होगी। सोलर एनर्जी में बेहतर प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के बाद अब क्रेडा विंड एनर्जी की दिशा में काम शुरू कर दिया है। केंद्रीय ऊर्जा विभाग ने विंड एनर्जी पर काम करने के लिए देशभर में 28 स्थानों का चयन किया है, जिसमें से 22 स्थान छत्तीसगढ़ के हैं। इन स्थानों पर प्रारंभिक दौर का काम शुरू हो चुका है, इनमें से कवर्धा, गरियाबंध और बस्तर में एनीमोमीटर लगाया जा चुका है। थर्मल पावर के मामले में देश अग्रणी छत्तीसगढ़ में अब विंड एनर्जी की दिशा में भी काम शुरू हो रहा है। वहीं राज्य में पनबिजली की दिशा में भी काम जारी है। विंड एनर्जी के लिए किए जा रहे प्रयास के प्रथम चरण में कबीरधाम जिले के बनगौर, गरियाबंद के जाडापदर और बस्तर के बुरगुम और रायकोट में एनीमोमीटर मशीन लगाई गई है, यहां एक वर्ष तक हवा की गति को मापने का काम किया जाएगा। एक वर्ष के सर्वे रिपोर्ट के बाद यहां पवन चक्की लगाई जाएगी और विंड फॉर्म तैयार किया जाएगा।