हजारों वर्ष पहले वारणासी में अघोरियों का जन्म हुआ था, लेकिन आज इनकी संख्या काफी घट गई है। इतिहास कहता है कि आज से करीब आप लोगों में से बहुत कम लोग जानते होंगे कि जितने अजब गजब यह लोग होते है, उतने ही उनकी हरकतें और आदतें होती है। आइये अघोरियाें के बारे में कुछ बात करेंगे। अघोरी बाबा तंत्र मंत्र करते है और श्मशान घाटों पर अपना जीवन बिताने वाले होते है। इंसानी मांस भी खाने से परहेज नहीं करते है। इन लोगों को खोपडी का खून पीने और जानवरों का सिर खाने में मजा आता है, ऐसे लोगों के लिये कहा जाता है कि अघोरी बाबाओं को भविष्य देखना आता है। अघोरियों की पूजा शराब और गांजा पीने के बाद ही खत्म होती है और शवों को भी नहीं बख्शते, लाशों का प्रयोग अपनी पूजा और तंत्र मंत्र में करते है। अघोरी बाबाओं को पीनी में खून और खाने में मांस बहुत पसंद है, इनके शरीर पर कपडे नहीं रहते केवल लंगोट होती है, ज्यादा तर लोग तो नग्न अवस्था में ही घूमते है, वैसे किसी को जानबूझकर छेडते नही, लेकिन अगर यह किसी के पीछे पड गये तो फिर वो इनके प्रकोप से बच नहीं पाता है। ऐसे लोगों पर आम जनता का विश्वास है कि अघोरी बाबा किसी को अगर आशीर्वाद देते हौ तो वो इंसान हमेशा सुखी होता है।