उत्तराखंड में मानसून की पहली बारिश ने ही तबाही मचा दी है।करीब 15 हजार तीर्थयात्री यहां फंस गए हैं और चार धाम यात्रा रोक दी गई है।ज्यादातर जगहों पर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में करीब आधा दर्जन पुल और सड़कें बह गई हैं।तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए सात हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरी।इसके साथ वरिष्ठ अफसरों की एक टीम भी रवाना हुई है जो बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेगी।उत्तराखंड के प्रमुख सचिव रविशंकर ने कहा कि अधिकारियों की टीम लौटने के बाद ही नुकसान का सही अंदाजा लग सकेगा।बद्रीनाथ में राष्ट्रीय राजमार्ग की 100 मीटर सड़क भी बह गई है इससे संपर्क मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है।पिथौरागढ़ में गुरुवार से भारी बारिश जारी है।केदारनाथ जाने के लिए सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच मंदाकिनी नदी पर बना एक पुल भारी बारिश से बह गया।रुद्रप्रयाग के कलेक्टर राघव लेंगर ने बताया कि खराब मौसम के कारण केदारनाथ के तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग से आगे नहीं जाने दिया जा रहा।जोशीमठ के पास भूस्खलन से बद्रीनाथ की यात्रा रोक दी गई है।सिख धर्मस्थल हेमकुंड साहिब के श्रद्धालुओं को गोविंदघाट से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है।भारी बारिश की वजह से लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।