बाघों को लेकर अच्छी खबर आई है। पिछले 100 सालों में सामूहिक प्रयास के कारण बागों की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है। प्रकृतिक आवास व शिकार के कारण इनकी संख्या में भारी गिरावट आई थी। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कनजर्वेशन ऑफ नेचर द्वारा जारी किए गए आंकड़ो के अनुसार, फिलहाल पूरी दुनिया में बाघों की संख्या 3,890 है।
2010 के आंकड़ों की अपेक्षा यह 700 अधिक है। नए आंकड़ों के अनुसारए पूरे एशिया में भारत में 2,226 बाघ, रुसी साइबेरिया में 433, इंडोनेशिया में 371, मलेशिया में 250, नेपाल में 198, थाइलैंड में 19, बांग्लादेश में 10, भूटान में 103 और चीन में 7, वियतनाम में 5 व लाओस में 2 बाघ है,जब कि कंबोडिया में एक भी बाघ नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया के वन्य जीवों के प्रबंधन वाली संस्था द वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड के डेरेन ग्रोवर ने इस खबर पर अपनी खुशी जताते हुए कहा कि 20वीं शताब्दी में ऐसा पहली बार हुआ है। ग्रोवर ने बताया कि पिछले 100 सालों में हमने 97 प्रतिशत जंगली बाघों को खो दिया था।
डब्ल्यू डब्ल्यू एफ का कहना है कि यह भारतए नेपाल व भूटान में किए गए प्रयासों का नतीजा है। जहां सर्वेक्षण व संरक्षण के लिए गंभीर प्रयास किए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि 2022 तक बाघों की संख्या 6,400 तक हो जाएगी।