भारत हो या ब्रिटिश बेटियां सिर्फ बेटियां होती है

March 13, 2015 | 12:39 PM | 64 Views
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निर्भया कांड पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर केंद्र सरकार ने बैन लगा दिया था। इसके बावजूद बीबीसी ने सरकार को ठेंगा दिखाते हुए डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण कर दिया। यूट्यूब पर भी इस डॉक्यूमेंट्री को अपलोड कर दिया गया। डॉक्टूमेंट्री को लेकर भारत में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं रहीं। एक व्यक्ति हरविंदर सिंह ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के जवाब में एक वीडियो यूट्यूब पर पोस्ट किया है और इसे नाम दिया है यूनाइटेड किंगडम्स डॉटर। इस डॉक्टूमेंट्री में ब्रिटेन में महिलाओं की स्थिति का आइना दिखाया गया है। हरविंदर ने लिखा है कि बेटियां सिर्फ बेटियां होती हैं, वे भारतीय या ब्रिटिश नहीं होतीं। ये वीडियो इस बात के सबूत के तौर पर पोस्ट किया है कि भारत ही नहीं ब्रिटेन में भी रेप की भयावह स्थिति है, लेकिन बीबीसी इसे मुद्दा नहीं बनाता। इस वीडियो की शुरुआत कुछ तथ्यों के साथ होती है। ये बताया जाता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा रेप वाले देशों में यूके पांचवें नंबर पर है। यूके की 10 प्रतिशत महिलाएं स्वीकारती हैं कि उनका यौन शोषण हुआ। आंकड़ों के मुताबिक यूके में हर रोज 250 महिलाओं से रेप होता है। ये आंकड़े हकीकत में और ज्यादा हो सकते हैं, क्योंकि तमाम महिलाएं इसकी शिकायत तक नहीं करतीं। एक तिहाई ब्रिटिश पुरुष मानते हैं कि रेप के लिए महिलाएं ही जिम्मेदार हैं। यूके में रेप के केवल 10 प्रतिशत मामलों में ही सजा हो पाती है। हालांकि महिलाएं रेप का एक सीमा के बाद विरोध नहीं करतीं इसलिए रेप के बाद हत्या के आंकड़े कम हैं। वीडियो में ब्रिटेन की सामाजिक स्थिति पर भी तंज कसा गया है ये बताकर कि यहां 41 प्रतिशत शादियां 20 साल में ही टूट जाती हैं। 11 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे रहती है, जबकि 65 साल के अधिक उम्र के 31 फीसदी लोग ओल्ड एज होम में रहते हैं। वीडियो में रेप पीड़िता का इंटरव्यू दिखाया जाता है। क्रिसमस की रात इस महिला के साथ निर्भया जैसी ही दरिंदगी को अंजाम दिया गया। रेप और मारपीट की शिकार खून से लथपथ ये युवती सड़कों पर हर किसी से मदद मांगती रही, लेकिन कोई आगे नहीं आया। बाद में सड़क पर बेहोशी की हालत से उसे पुलिस ने उठाया और अस्पताल पहुंचाया।

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