गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने की मुहिम में एक फैसला सुनाया गया है।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तराखंड में गोमुख से हरिद्वार तक प्लास्टिक फेंकने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सुनाया है।आदेश 1 फरवरी 2016 से लागू होगा।गंगा के इस बहाव वाले क्षेत्र में प्लास्टिक युक्त कैरी बैग, प्लेट, ग्लास, चम्मच और अन्य प्लास्टिक उत्पाद पूरी तरह प्रतिबंधित होंगे।
ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्राधिकरणों को तत्काल सीवेज प्रबंधन व्यवस्था दुरुस्त करने और कूड़ा फैलाने वालों पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया है।इसके अलावा ग्रीन पैनल ने नदी के डूब क्षेत्र को लेकर भी सख्ती दिखाते हुए प्राधिकरणों को आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
एनजीटी ने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही टेक्सटाइल मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह 15 दिन के अंदर प्लास्टिक बैग के संभावित और अन्य विकल्प उत्तराखंड सरकार को बताएं।ग्रीन बेंच ने कहा कि मंत्रालय राज्य सरकार को जूट और बायो डिग्रेडेबल मैटेरियल के बारे में सुझाव दें।इस प्रतिबंध के बाद गंगा को पहले स्वच्छ बनाया जा सकेगा।