भुज में पोपट नाम के एक भिखारी का नाम अब दानी के रूप में जाना जाएगा क्योंकि पोपट ने जो दान दिया है उससे कबूतरों के लिए टावर बनाया जा रहा है।कंक्रीट के बनने वाले इस टावर में पोपट का नाम दानकर्ता के तौर पर लिखा होगा।भुज के विख्यात शिव मंदिर के पुजारी खुद इस ‘चबूतरो‘ के निर्माण की निगरानी करेंगे।
1.15 लाख की लागत से बन रहे इस टावर को बनाने के लिए पोपट पिछले 40 साल से भीख मांगकर जमा की गई राशि रोजाना मंदिर को देते आ रहे थे।मानसिक संतुलन सही नहीं होने के कारण पोपट खुद सिक्कों और नोटों की पहचान नहीं कर पाते।वह बिहारीलाल महादेव मंदिर के पुजारी मौनी बाबा को हर रोज नियम से पैसे देते थे। उन्होंने पोपट के नाम का अलग खाता बना दिया था।अब इस खाते में जमा राशि 1.15 लाख रुपए हो गई है।
वह कहते हैं कि हमने पोपट का नाम अमर करने का फैसला किया।इसके लिए चबूतरे के दानकर्ता के तौर पर पोपट का नाम उसमें लिखवा दिया जाएगा।हाल ही में कुछ लोगों ने मदद के तौर पर पोपट की आंख का ऑपरेशन करा दिया।वह अपना ज्यादातर समय शाही छतरी के नजदीक धोबी तालान में बिताते हैं।