सरकार के एक अध्ययन में कहा गया है कि भूकंप आने पर दिल्ली और कोलकाता के कुछ हिस्सों खासकर यमुना और हुगली नदियों से सटे क्षेत्रों में उसका ज्यादा असर होगा।अध्ययन के अनुसार वैसे तो दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों के सामने कम से कम और औसत जोखिम का है लेकिन लुटियन जोन और दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर पर अधिक और सबसे अधिक भूकंपीय जोखिम है।
कोलकाता में साल्ट लेक इलाके और हुगली नदी से सटे स्थानों पर भूकंप का खतरा पैदा कर सकता है।भू विज्ञान मंत्रालय की सीस्मिक हजार्ड माइक्रोजोनेशन ऑफ एनसीटी एंड कोलकाता नामक रिपोर्ट में भूकंप की स्थिति में इन दोनों शहरों के विभिन्न हिस्सों में खतरों के स्तर का विवरण है।
दिल्ली में गीता कॉलोनी, सरिता विहार, शिकारपुर, पश्चिम विहार, वजीराबाद, उत्तरी परिसर, रिठाला, रोहिणी, जहांगीरपुरी, बवाना, करोल बाग और जनकपुरी जैसे क्षेत्र बहुत अधिक जोखिम वाले क्षेत्र हैं। इनमें से ज्यादातर यमुना से सटे हैं।