सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि ईपीएफओ के अंशधारकों के लिए पूर्ण अवधि से पूर्व कोष की निकासी 75 प्रतिशत पर सीमित करने की संभावना तलाश रही है।यदि ऐसा हुआ तो ईपीएफओ के अंशधारक 58 वर्ष की आयु तक किसी भी समय 75 प्रतिशत तक ही कोष की निकासी कर सकेंगे।मौजूदा प्रावधानों के तहत ईपीएफओ के अंशधारक दो महीने तक खुद को बेरोजगार दिखाकर पूरी रकम निकाल सकते हैं।कर्मचारी भविष्य निधि योजना में बदलाव के संबंध में प्रस्ताव मंजूरी के लिए श्रम मंत्रालय के पास भेजा गया है।श्रम सचिव शंकर अग्रवाल का कहना है कि अगले 10 से 15 दिनों में इस संबंध में निर्णय कर लिया जायेगा।केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त के.के. जालान ने भी कहा है कि अगले 10 से 15 दिनों में प्रस्तावित बदलावों को पूरा किए जाने की संभावना है क्योंकि इसे कर्मचारी यूनियनों का समर्थन प्राप्त है।यह पूछे जाने पर कि क्या मकान का निर्माण करने, शादी-ब्याह, बच्चों की शिक्षा आदि जैसी परिस्थितियों में भी पीएफ निकासी 75 प्रतिशत पर सीमित करने का प्रस्ताव है, जालान ने इसका जवाब हां में दिया।