गुजरात सरकार ने स्थानीय चुनावों में वोट नहीं डालने वालों पर 100 रुपए का मामूली जुर्माना लगाने का फैसला कर लिया है।गुजरात देश का पहला राज्य है जिसने मतदान को अनिवार्य करने का प्रावधान किया है।राज्य सरकार ने गुजरात स्थानीय निकाय कानून, 2009 में संशोधन ऐक्ट के तहत ऐसा प्रावधान किया है।वोट न डालने वाले डिफॉल्टर्स को मॉनिटरी फाइन और सोशल सर्विस के रूप में सजा दी जा सकती है।सरकार डिफॉल्टरों को सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभ से भी वंचित करने पर भी विचार कर रही है।गुजरात में पिछले सालों में स्थानीय निकाय के चुनावों में 50 से 60 की औसत वोटिंग दर्ज की गई है।इस नियम से वोटिंग में लोगों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करवाई जा सकेगी।गुजरात पंचायत चुनाव नियम (संशोधन) 2015 और नगर पालिका चुनाव नियम (संशोधन) 2015 के तहत की गई घोषणा में कहा गया कि चुनावों में वोट न डालने वाले डिफाल्टर्स पर इस बार 100 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।अधिकारियों के मुताबिक नागरिकों से 100 रुपए का जुर्माना वसूलना राज्य पर आर्थिक भार डालेगा और प्रशासन पर भी अनावश्यक बोझ पड़ेगा।डिफॉल्टर साबित होने के बाद आदेश जारी किया जाएगा।आदेश जारी होने के 15 दिनों के भीतर ही जुर्माने को भरना पड़ेगा।