कितनी अजीब है मेरे अंदर की तन्हाई भी, हजारो अपने है, मगर याद तुम ही आते हो। प्यार को न कोई जाति-धर्म और संस्कृति इसके आड़े आती है। कुछ ऐसा ही हुआ जर्मनी की मेम मार्टिना ने हरियाणा के एक लडका विकास के प्रेम में दीवानी हो गई और यह विदेशी मेम बरवाला में भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत नत्थूराम दलाल के पुत्र विकास व जर्मनी की युवती मार्टिना की शादी समारोह में शिरकत करने के लिए लड़की के पिता वर्नर बीस व माता के अलावा दर्जनभर अन्य लोग भी जर्मनी से बरवाला पहुंचे थे। भाषा और संस्कृति की समझ नहीं होने के बावजूद उनके चेहरे पर संतोष के भाव थे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच तलवंडी के एक होटल में अग्नि को साक्षी मानकर विकास और मार्टिना ने सात फेरे लिए। ढोलक की थाप पर मेहंदी और जयमाल की रस्म के साथ ही मार्टिना के पिता वर्नर ने बेटी का कन्यादान भी किया। इस दौरान संस्कारों के निर्वहन में अनुवादकों ने वधू पक्ष को खासा सहयोग किया।