आईसीआईसीआई अब अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए नई तकनीक का सहारा ले रही है जिससे दर्शकों को आसानी हो।अगर आप भी आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहक हैं तो अब न सिर्फ बैंक के कॉल सेंटर तक आपकी पहुंच आसान हो गई है बल्कि आपके खाते की सुरक्षा के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की व्यवस्था भी की गई है।आईसीआईसीआई बैंक ने वॉयस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है। ये सॉफ्टवेयर ग्राहकों की आवाज की पहचान कर उन्हें ऑथेंटिकेट करेगा।अब ग्राहकों को बैंक खाता, क्रेडिट कार्ड या पासवर्ड देकर अपनी पहचान स्थापित करने की जरूरत नहीं रह गई है।आपकी आवाज ही आपकी पहचान और पासवर्ड बनेगी।वॉयस रिकॉग्निशन तकनीक वॉयस प्रिंट के आधार पर काम करता है जिसमें 100 से ज्यादा गुण होते हैं जैसे वॉयस मॉड्युलेशन, स्पीड, बोलने का लहजा, उच्चारण आदि। ग्राहक के खाते के साथ यह भी सुरक्षित रहेगा और वे जब भी कॉल सेंटर को फोन मिलाएंगे तो उन्हें उनकी आवाज के आधार पर पहचाना जाएगा। बैंक का कहना है कि वॉयस रिकॉग्निशन एक सुरक्षित तकनीक है क्योंकि आवाज के गुण एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति से नहीं मिलते और उसकी नकल करना भी काफी मुश्किल है।आईसीआईसीआई बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर चंदा कोचर ने कहा कि बैंक ने गौर किया है कि जो ग्राहक स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं उनके लिए 16 अंकों का कार्ड नंबर और 4 अंकों का पिन नंबर डालना काफी मुश्किल होता है।बैंक चाहता था कि उन्हें एक हैंड्स-फ्री सुविधा दी जाए जो स्मार्टफोन के स्क्रीन के जरिए दिए जाने वाले कमांड का बेहतर विकल्प हो। वॉयस रिकॉग्निशन सर्विस ऐसे ही ग्राहकों को लक्ष्य करते हुए लॉन्च किया गया है।इस तकनीक में सुविधा के साथ-साथ सुरक्षा भी है। बैंक के लगभग 3.3 करोड़ ग्राहक इस सेवा का इस्तेमाल कर पाएंगे।