महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय ने गवर्नर को सलाह दी है कि 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस के दोषी याकूब मेमन की मर्सी पिटीशन खारज कर दी जाए।हालांकि, इस बारे में सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है।लेकिन सूत्र बताते हैं कि सरकार नहीं चाहती कि राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट में अपीलें खारिज हो जाने के बाद गवर्नर की ओर से रहम की जाए।महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर सेंट्रल जेल में याकूब की फांसी की तैयारी भी तेज कर दी है।फांसी के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 22 लाख रुपए का बजट मंजूर किया है।बताया जाता है कि इस रकम का बड़ा हिस्सा उस जगह की बाड़बंदी करने पर खर्च की जाएगी जहां याकूब को फांसी दी जाएगी।उसे 30 जुलाई को फांसी दी जानी है। याकूब को फांसी देने के लिए नागपुर के सेंट्रल जेल में तैयारियां आखिरी दौर में हैं।महाराष्ट्र सरकार ने याकूब की फांसी के लिए 22 लाख रुपए के खर्च को भी मंजूरी दे दी है।इसमें सिक्योरिटी अरेजमेंट्स पर होने वाला खर्च भी शामिल है।वहीं गुरुवार को पत्नी और बेटी से मिलने के बाद याकूब बेचैन नजर आने लगा है।सूत्रों के मुताबिक याकूब ने फैमिली से मिलने के बाद किसी से बातचीत नहीं की।खाना भी नहीं खाया।याकूब के बिहेवियर में चेंज से जेल के अफसर भी परेशान हैं।शुक्रवार सुबह से ही जेल मैनेजमेंट याकूब को खाना खिलाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वह खाना खाने से मना कर रहा है। जेल अधिकारी मनोचिकित्सक (सायकायट्रिस्ट) की मदद से उसे शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि याकूब ने गुरुवार को उसकी पत्नी, बेटी सहित पांच फैमिली मेंबर्स से मुलाकात की थी। याकूब ने पत्नी राहीन और बेटी जुबैदा से करीब पौन घंटे से अधिक समय तक बात की थी।फैमिली के लौटते समय उसने पत्नी और बेटी को गले लगाया था।