1993 में मुम्बई में हुए बम ब्लास्ट में 257 लोगों की जान लेने वाला याकूब मेमन को फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया गया।याकूब को गुरुवार सुबह 7 बजे नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई।शव को उसके परिवार वालों को सौंप दिया गया है और मुंबई ले जाने के लिए जेल से निकाल लिया गया है।एयर एंबुलेंस के जरिए शव को नागपुर से मुंबई ले जाया जा रहा है, जहां बड़े कब्रिस्तान में उसे दफनाया जाएगा। याकूब को फांसी के बाद से ही मुंबई के माहिम इलाके में याकूब के घर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रैपिड एक्शन फोर्स के दो प्लाटून को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैनात किया गया है। इसके साथ ही एहतियात बरतते हुए शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस ने पहरा लगा दिया है।पहले से तयशुदा कार्यक्रम के तहत नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी की प्रक्रिया करीब 5 बजे शुरू हुई।याकूब को जेल सुपरिटेंडेंट योगेश देसाई खुद फांसी दी।देसाई ने ही कसाब को फांसी दी थी।नागपुर, मुंबई समेत देश के तमाम बड़े शहरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।जेल के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है।आपको बता दें कि पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट याकूब का पूरा नाम याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन था। 1993 में मुंबई में हुए बम ब्लास्ट में कथित रुप से दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन और उसके भाई अयूब मेमन साजिश रचने वाले अहम लोग थे। इन्हें मोस्ट वॉन्टेड अपराधी भी घोषित किया गया था। याकूब के साथ 10 अन्य आरोपियों को भी विशेष टाडा कोर्ट ने 2007 में फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन उन लोगों की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दी थी।