ओसाम बिन लादेन अब इस दुनिया में भले हीं नहीं हो लेकिन उसके कारनामे अभी भी जिंदा हैं।दरअसल पाकिस्तान स्थित एबोटाबाद में लादेन का एनकाउंटर करने के बाद अमेरिकी कमांडो ने कुछ दस्तावेज जब्त किए थे।उनमें एक डायरी भी थी।अलकायदा के इस दस्तावेज में भारत में हुए मुंबई हमले को जाबांज फिदाई और पुणे की जर्मन बेकरी पर हुए हमले को शानदार बड़ा धमाका बताया गया है।वहीं ओसामा बिन लादेन की डायरी से ये भी खुलासा हुआ है कि आतंकी संगठन अलकायदा को एक भारतीय नागरिक से पैसा मिलता था।डायरी में एक स्थान पर मदीना का भारतीय दोस्त लिखा गया है।इस शख्स ने कई बार लादेन को आर्थिक सहायता मुहैया कराई थी।अमेरिका में ऑफिस ऑफ द डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस द्वारा जारी दस्तावेजों के मुताबिक मदीना के भारतीय दोस्त ने मई 2008 में 2.92 लाख पाकिस्तान रुपए आतंकी संगठन को भेजे थे।इसके बाद जुलाई 2009 में 3.35 लाख रुपए दिए।इनमें से पांच हजार रुपए संदेशवाहक को टिप के रूप में दिए गए थे।लादेन की डायरी में इस तरह के डोनेशन का दर्जनों स्थानों पर उल्लेख है।कुछ महिलाओं के बारे में लिखा गया है जिन्होंने जेहाद का समर्थन करने के लिए अपने गहने बेचकर आर्थिक मदद की।वहीं 15 पन्नों के दस्तावेज में मुंबई हमले को मुबारक अभियान करार दिया गया है।यह दस्तावेज वास्तविक रूप से अंग्रेजी भाषा में है।दस्तावेज में अलकायदा और उससे जुड़े संगठनों से कहा गया है कि अमेरिकियों और ब्रिटेन, जर्मनी और भारत सहित अमेरिका के साझेदार देशों के लोगों को आतंकी हमले में मारा जाये।यह दस्तावेज उन ढेर सारे दस्तावेजों में शामिल है जो ऐबटाबाद में ओसामा के ठिकाने से बरामद किए गए थे।अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने इन दस्तावेजों को सूचना का बेशकीमती खजाना करार दिया।इन दस्तावेजों का एक हिस्सा अरबी भाषा में है।इनका अनुवाद अंग्रेजी भाषा में किया गया है।इन दस्तावेजों में अलकायदा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सख्त खिलाफ दिखती है।अलकायदा ने आईएसआई को सीआईए का साझेदार करार दिया।