सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के विवादित स्थल में बने अस्थाई राम मंदिर में मरम्मत के लिए मंजूरी दे दी है।मरम्मत का काम वहां होगा जहां रामलला की मूर्तियां हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अस्थाई रामलला मंदिर में तिरपाल ठीक करने और अन्य सुविधाओं मुहैया कराने की अनुमति दी है।कोर्ट ने कहा है कि अस्थाई रामलला मंदिर की देखभाल स्थानीय प्रशासन करेगा।मरम्मत का काम दो स्वतंत्र पर्यवेक्षकों की निगरानी में फैजाबाद के जिला कलक्टर कराएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केन्द्र और यूपी सरकार से कहा था कि उसे अयोध्या में विवादित ढांचे के पास रामजन्मभूमि स्थल पर तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने पर विचार करना चाहिए।जस्टिस ए.आर.दवे और जस्टिस कुरियर जोसेफ की बेंच ने कहा कि कुछ तो कीजिए।अगर मुमकिन हो, इस स्थान को बेहतर रखने और आगंतुकों को सुविधाएं देने की दिशा में कुछ कीजिए।बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।इसमें श्रद्धालुओं को सुविधाएं मुहैया कराए जाने की मांग की थी। कोर्ट ने सरकार से स्वामी की अर्जी पर जवाब दाखिल करने को कहा था।स्वामी ने अपनी अर्जी में कहा था कि यूपी और केन्द्र सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किए हैं।इस कारण रामलला के दर्शन के आने वाले श्रद्धालु पीने के पानी और टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित है।अतिरिक्त महाधिवक्ता महेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार स्वामी की अर्जी पर विचार करेगा।स्वामी की दलील थी कि 1996 का सुप्रीम कोर्ट का यथास्थिति बनाए रखने का आदेश विवादित स्थल पर किसी किस्म के बिल्डिंग निर्माण पर प्रतिबंध को लेकर सीमित था।