एक दिहाड़ी मजदूर के दो बेटों ने आईआईटी-जेईई परीक्षा पास करके साबित कर दिया कि अगर लगन से मेहनत की जाए तो कामयाबी दूर नहीं। प्रतापगढ़ के दिहाड़ी मजदूर धर्मराज सरोज के बेटों राजू और ब्रजेश ने प्रतिष्ठित परीक्षा तो पास कर लेकिन नई मुश्किल उनके सामने आ खड़ी हुई है। इनके पास फीस भरने के लिए पैसे नहीं हैं।धर्मराज के एक बेटे राजू को 167 रैंक जबकि दूसरे बेटे ब्रजेश को 410 रैंक मिली है। अब धर्मराज के सामने मुश्किल ये है कि देश के नामी इंस्टिट्यूट में बच्चों का दाखिला कराने के लिए उन्हें 1 लाख रुपये की जरूरत है। धर्मराज सूरत की मिल में काम करते हैं और 7 लोगों के परिवार के साथ मुश्किल से गुजर बसर करते हैं।धर्मराज अब तक सिर्फ 30 हजार रुपये का ही इंतजाम कर सके हैं। धर्मराज का परिवार प्रतापगढ़ के रेहुआ लालगंज में मिट्टी के झोपड़े में रहता है। जमापूंजी के नाम पर उसके पास सिर्फ 8 बकरी, एक साइकिल, एक टेबल फैन है। खास बात ये है कि आज ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इन राजू और ब्रजेश से बातचीत कर उन्हें बधाई दी है।सूत्रों ने बताया कि इस बारे में जानकारी मिलने पर राहुल ने तत्काल पार्टी के स्थानीय नेताओं को फोन किया और फिर इन दोनों बच्चों से बात की। इन बच्चों की समस्या सुनने के बाद राहुल ने प्रमोद तिवारी और उनकी बेटी को इन बच्चों को मदद पहुंचाने और प्रवेश शुल्क का इंतजाम करने की जिम्मेदारी सौंपी।