सामाजिक कार्यकर्ता अंशु गुप्ता और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व सतर्कता अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित करने के लिए चुना गया।ये भारत के गर्व की बात है।रेमन मैग्सेसे अवार्ड फाउंडेशन ने कहा कि अंशु को यह सम्मान उनके रचनात्मक दृष्टिकोण और नेतृत्व क्षमता के लिए दिया गया है।उनके नेतृत्व में शहरों में अनुपयोगी समझे जाने वाले सामानों, खासकर कपड़ों का इस्तेमाल जिस तरह वंचित वर्ग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है, वह प्रशंसनीय है।वहीं, एम्स के पूर्व सतर्कता अधिकारी संजीव के बारे में फाउंडेशन की ओर से कहा गया है कि उन्हें यह अवार्ड सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए दिया गया है।उनके द्वारा ईमानदारी, साहस और दृढ़ता के साथ इसमें किसी तरह का समझौता नहीं करना सराहनीय है।आपको बता दें कि रेमन मैग्सेसे अवार्ड की शुरुआत 1957 में की गई थी।यह एशिया का सबसे बडा सम्मान है।यह एशिया के उन लोगों या संगठनों को हर साल दिया जाता है जो उस निस्वार्थ सेवा भावना और परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाते हैं।