वर्तमान में नेपाल में भूकंप का तीव्रता से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे कई राज्य हिल गये थे। उस घटना को लोग आज भी भूले नहीं हैं। ठीक इसी तरह भारत के हिमालय पर्वत पर भी मंजर दिखाई दे सकता है क्योंकि यहां कभी भी एक प्रलयकारी भूकंप आने की संभावना हैं। इसका भविष्यवाणी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के भूगर्भशास्त्री सिमन क्लेमपर ने की है।
सिमन ने कहा कि हिमालय पर्वत का जो हिस्सा भारत में है, वह प्रति वर्ष 2 सेंटीमीटर की गति से खिसक रहा है। इस वजह से 400 किलोमीटर की रेंज वाले हिमालय पर्वत पर भूकंप की संभावनाएं बनी हुई हैं।
टेक्टोनिक्स ऑबजेर्वटरी अमेरिका के निदेशक जीन-फिलिप अवोक की रिपोर्ट के अनुसार हिमालय पर्वत के नीचे कीरब 100 से 120 किलोमीटर की फॉल्ट लाइन पर भूकंप की आशंका प्रबल हैं। असल में इसी लाइन से सट कर हिमालय का हिस्सा धीरे-धीरे ऊपर की ओर खिसक रहा है, जिसकी वजह से ऊर्जा उत्पन्न हो रही है। टेक्टोनिक्स के बीच घर्षण बढ़ रहा है और इसकी वजह से भारी मात्रा में ऊर्जा बन ही है। यह ऊर्जा ही भूकंप का कारण बनेगी।
वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप एक प्रक्रिया है, जिसके तहत पर्वत बनते हैं। यूरेशिया और भारत की प्लेटें पिछले 50 मिलियन वर्षों से आपस में टकरा रही हैं। इस वजह से भारतीय प्लेट उत्तर की ओर खिसक रही है और धीरे-धीरे यूरेशिया की प्लेट के नीचे जा रही है। इसी कारण से हिमालय पर्वत समेत लगभग सभी पर्वत प्रति वर्ष कम से कम एक सेंटीमीटर ऊंचे हो जाते हैं।